नज़र से मय मुहब्बत की चलो पीते पिलाते हैं
नज़र से मय मुहब्बत की चलो पीते पिलाते हैं
मिलाकर हम स्वरों से स्वर प्रणय के गीत गाते हैं पकड़कर हाथ मेरा ले चलो ऐसे जहां में तुम
जहाँ पर प्यार के ही फूल खिलते मुस्कुराते हैं
डॉ अर्चना गुप्ता
नज़र से मय मुहब्बत की चलो पीते पिलाते हैं
मिलाकर हम स्वरों से स्वर प्रणय के गीत गाते हैं पकड़कर हाथ मेरा ले चलो ऐसे जहां में तुम
जहाँ पर प्यार के ही फूल खिलते मुस्कुराते हैं
डॉ अर्चना गुप्ता