Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2020 · 3 min read

” नज़रीया से मानसिकता का सफर “

हैलो किट्टू ❗

आज मैं तुम्हें ऐसे अनुभव के बारे में बताना चाहती हूं जो बहुत समय से मैंने अनुभव करते आ रही हूं ।

?️?️?️?️?️?️?️?️?️?️?️?️?️
” सब तो नहीं पता मुझे परन्तु थोड़ा पता है मुझे ,
जिंदगी या हालात से नहीं परन्तु तेरे नज़रीया से खता है मुझे । ”

??
ज्यादातर हमें हमारी घटना से जाना जाता है घटना के परिणाम से नहीं । जैसे ?
1. अगर किसी लड़की के साथ ” बलात्कार ” हुआ हो तो , भविष्य में अगर वो ही हो तो उसे देखते ही हमारे जुबान से यही बात निकलती है कि ये वही लड़की है जिसके साथ बलात्कार हुआ था । या उसके परिवार के किसी सदस्य को देख कर बोला जाता है ये उसी लड़की के परिवार के सदस्य हैं जिस लड़की के साथ बलात्कार हुआ था।

2. अगर किसी के साथ ” एसिड अटैक ” (अम्ल सेकाआक्रमण / हमला ) जैसी घटना हुई हो । उसे लड़के / लड़की को देख हमारे मुंह से यही निकलता है कि यह वही है जिसका चेहरा (शरीर का अन्य भाग) अम्ल फेंक कर जला दिया गया था ।

3. किसी लड़की ने अगर दहेज या किसी अन्य कारणवश अपना ” विवाह का रिश्ता तोड़ा ” हो तो उसे देखते ही हम यही बोलते हैं ये वही हैं जिसकी शादी होने वाली थी परन्तु टूट गई ।

4. अगर किसी लड़के की ” सरकार नौकरी ” नहीं है या उसके पास कोई डिग्री नहीं है तो हम यही बोलते हैं कि देखो वो तो निठल्ला है या नालायक है । उसकी औकात ज्यादा नहीं है । जो खेती या साधारण सी ओहदे की नौकरी करता है।

??
ऐसी बहुत सी घटनाएं हैं जिनका होना तो कुछ क्षण का है लेकिन उसके तकलीफ़ से निकलना हमारे मानसिकता पर और हमारे आस-पास के वातावरण पर निर्भर करता है ।
ऐसा कोई क्यों नहीं बोलते हैं ❓

– देखो ये वही लड़की या लड़की के परिवार के सदस्य हैं ‌‌‌जिनके साथ गलत तो हुआ लेकिन इसी के कारणवश बलात्कारी को फांसी की सजा, सरे आम नंगा घुमाने या जिंदा जलाने जैसी सजा का कानून होगा ।
– देखो ये वही लड़की / लड़का है जिनका प्राकृतिक सौंदर्य तो बिगड़ा लेकिन इन्होंने एसिड को खुले आम बिकना बंद कराया ।
– देखो ये वही हैं जिसकी वजह से दहेज की मांग करने वालों के मुंह पर शर्मिंदगी का तमाचा मारा है । ताकि आने वाले समय में फिर किसी पिता को अपने बेटी के विवाह के लिए , उसकी खुशियों के लिए किमत ना चुकानी पड़े । उसकी खुशियां उसके हक़ की मिले ।
– देखो ये वही लड़का है जो बिना किसी दिखावे , बिना रूपया – संपत्ति के लालच के मेहनत से अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा है ।

????????????????

– पता नहीं क्यों हम अपनी वास्तविकता भूल भेड़ चाल क्यों चल रहे हैं ।
– आधुनिकता और विकास के दौर में अपनी विकासशीलता को नज़र अंदाज़ करते जा रहे हैं ।
– आसमान को छूने के जिद्द में बहुतों के भावनाओं की निंदा किए जा रहे हैं ।
– वाहा वाही की ख्वाहिश में खुद के विवेक को भ्रमित किए जा रहे हैं ।
– हम तो अपनी उड़ान के लिए दूसरों के पंख कुतरते जा रहे हैं ।

?????????????????

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
रंग आख़िर किसलिए
रंग आख़िर किसलिए
*Author प्रणय प्रभात*
गुजार दिया जो वक्त
गुजार दिया जो वक्त
Sangeeta Beniwal
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
???
???
शेखर सिंह
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
Shweta Soni
राजा रंक फकीर
राजा रंक फकीर
Harminder Kaur
Dard-e-madhushala
Dard-e-madhushala
Tushar Jagawat
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*वधू (बाल कविता)*
*वधू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
ruby kumari
"स्वर्ग-नरक की खोज"
Dr. Kishan tandon kranti
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
आओ हम मुहब्बत कर लें
आओ हम मुहब्बत कर लें
Shekhar Chandra Mitra
Tera wajud mujhme jinda hai,
Tera wajud mujhme jinda hai,
Sakshi Tripathi
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💜सपना हावय मोरो💜
💜सपना हावय मोरो💜
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
प्राकृतिक के प्रति अपने कर्तव्य को,
प्राकृतिक के प्रति अपने कर्तव्य को,
goutam shaw
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बरखा रानी
बरखा रानी
लक्ष्मी सिंह
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
डा गजैसिह कर्दम
3271.*पूर्णिका*
3271.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
उमंग
उमंग
Akash Yadav
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
'अशांत' शेखर
** सावन चला आया **
** सावन चला आया **
surenderpal vaidya
Loading...