Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2021 · 1 min read

नज़रिया।

कदम-कदम पे ये ज़िंदगी भी,
करती है क्या-क्या इशारे,

नज़र में हो जो नज़रिया अगर,
तो नायाब हो जाते हैं नज़ारे,

जब फूटन लगते हैं होंठों से,
अपने हंसी के फव्वारे,

तब फूटने लगते हैं ज़िंदगी से,
सारे ग़मों के गुब्बारे।

कवि-अंबर श्रीवास्तव।

Language: Hindi
2 Likes · 6 Comments · 428 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर
Paras Nath Jha
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
प्रीत प्रेम की
प्रीत प्रेम की
Monika Yadav (Rachina)
रिमझिम बरसो
रिमझिम बरसो
surenderpal vaidya
उनकी तस्वीर
उनकी तस्वीर
Madhuyanka Raj
बंदिशें
बंदिशें
Kumud Srivastava
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
न काज़ल की थी.......
न काज़ल की थी.......
Keshav kishor Kumar
नहीं देखा....🖤
नहीं देखा....🖤
Srishty Bansal
एक ख़्वाहिश
एक ख़्वाहिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
DrLakshman Jha Parimal
व्यवहारिकता का दौर
व्यवहारिकता का दौर
पूर्वार्थ
नर को न कभी कार्य बिना
नर को न कभी कार्य बिना
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
फगुनाई मन-वाटिका,
फगुनाई मन-वाटिका,
Rashmi Sanjay
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
जीवन चक्र
जीवन चक्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्रत्याशी को जाँचकर , देना  अपना  वोट
प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
Dr Archana Gupta
जब भी
जब भी
Dr fauzia Naseem shad
#जय_राष्ट्र
#जय_राष्ट्र
*प्रणय प्रभात*
मन की गाँठें
मन की गाँठें
Shubham Anand Manmeet
हर कस्बे हर मोड़ पर,
हर कस्बे हर मोड़ पर,
sushil sarna
पिता
पिता
Raju Gajbhiye
अचानक से
अचानक से
Dr. Kishan tandon kranti
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*स्वर्ग लोक से चलकर गंगा, भारत-भू पर आई (गीत)*
*स्वर्ग लोक से चलकर गंगा, भारत-भू पर आई (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...