Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2018 · 1 min read

नजरो ने

उनकी नजरो ने हमारी नजरो को नजरो से बहकाया है
इल्जाम मुहोबत का बाद मे हम पर ही देखो आया है

सहारा हमेशा ही हमने मयखाने का हर पल पाया है
उसकी याद ने जब कभी भी अगर हमको सताया है

प्याला जब कभी भी हमने उनकी याद मे उठाया है
प्याले ने मुस्कराते हुए उसका चेहरा दिखाया है

ऐसी कोई मदिरा ही नही बनी जो नशे मे चुर कर दे
वो तो उनके हुस्न का जादू है जो दिल डगमगाया है

बेताब मुहोबत को कुछ तो राहत ही मिल जाये
मगर ऐसा तो हमने कोई जुल्म भी नही ढाया है

मोहन ने तो दिल को ही खुली किताब बनायाहै
जिसे मिलने पर हर कोई प्यार से समझ पाया है

202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
Rj Anand Prajapati
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
Ranjeet kumar patre
आजकल की बेटियां भी,
आजकल की बेटियां भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रीत
प्रीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
प्यार हमें
प्यार हमें
SHAMA PARVEEN
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
राखी की सौगंध
राखी की सौगंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
पूर्वार्थ
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
Taj Mohammad
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
gurudeenverma198
शुभ
शुभ
*प्रणय*
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
Neelam Sharma
जल बचाओ , ना बहाओ
जल बचाओ , ना बहाओ
Buddha Prakash
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" जालिम "
Dr. Kishan tandon kranti
कर लो कभी
कर लो कभी
Sunil Maheshwari
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
4199💐 *पूर्णिका* 💐
4199💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया - वर्षा
कुंडलिया - वर्षा
sushil sarna
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
सत्य कुमार प्रेमी
ख्वाबों में कितनी दफा
ख्वाबों में कितनी दफा
शिव प्रताप लोधी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जीवन है आँखों की पूंजी
जीवन है आँखों की पूंजी
Suryakant Dwivedi
मुस्कुरा दीजिए
मुस्कुरा दीजिए
Davina Amar Thakral
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
Piyush Goel
#इक_औरत ____
#इक_औरत ____
Neelofar Khan
Loading...