नजरों का तीर
तेरी नज़रों के तीरों से दीवाना दिल धड़कता है
दिल मेरा शांत हो जाए अगर तुम रोकं को इनको
अगर कहना है कुछ तुमको तो मेरे पास आ जाओ
नजर का तीर है तेरे हो सकता दिल मेरा घायल
तेरी नजरों के तीरो से दीवाना दिल धड़कता है
दिल मेरा शांत हो जाए अगर तुम रोंक लो इनको
नशीली आँख बंद करके मेरे सपनों में आ जाओ
मेरे ख्वाबों की मलिका हो मेरे सपनों में रहती हो
जीवन अपना मैं ये देदुं जरा एक बार हां कह दो
मेरे दिल की हो तुम धड़कन दिल के तुम पास रहती हो
तेरे नजरों के तीरों से दीवाना दिल धड़कता है
दिल मेरा शांत हो जाए अगर रोंक को इनको
लब्ज मेरे हैं रुक जाते अगर कुछ कहने को आऊं
दूसरी बात कहता हूं मगर वो बात न कह पाऊं
बेचैनी देख कर मेरी क्यों नजर अंदाज करती हो
आके तुम खुद ही कहदो की तुम हमसे प्यार करती हो
तेरी नजरो के तीरों से दीवाना दिल धड़कता है
दिल मेरा शांत हो जाए अगर तुम रोंक लो इनको
तेरी नजरों के तीरों से दीवाना दिल धड़कता है।
संजय कुमार✍️✍️