Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2022 · 1 min read

नजारा

नजरों का यह खेल है प्यारे
नजरियाँ बदलें ताे नजारा अपने आप बदल जाएगा
दूबते हुए कसती काे किनारा फिर मिल जाएगा।

बदलते मौसम से घबराना नहीं।
टेडी रहाे पर दगमगना नहीं
रख हौसला की यह रात कत जाएगा
की काली रात के बाद… नया सवेरा जरूर आएगा

नजरियाँ बदलें ताे नजारा अपने आप बदल जाएगा

Language: Hindi
293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
"मुखौटे"
इंदु वर्मा
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी- कभी
कभी- कभी
Harish Chandra Pande
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
sushil sarna
परिश्रम
परिश्रम
ओंकार मिश्र
अमरत्व
अमरत्व
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गोलगप्पा/पानीपूरी
गोलगप्पा/पानीपूरी
लक्ष्मी सिंह
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
Sidhartha Mishra
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Bodhisatva kastooriya
3350.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3350.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वासियत जली थी
वासियत जली थी
भरत कुमार सोलंकी
*कहते यद्यपि कर-कमल , गेंडे-जैसे हाथ
*कहते यद्यपि कर-कमल , गेंडे-जैसे हाथ
Ravi Prakash
दरमियाँ
दरमियाँ
Dr. Rajeev Jain
आखिर क्या है दुनिया
आखिर क्या है दुनिया
Dr. Kishan tandon kranti
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
ललकार भारद्वाज
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
Harminder Kaur
कोई दरिया से गहरा है
कोई दरिया से गहरा है
कवि दीपक बवेजा
■ जयंती पर नमन्
■ जयंती पर नमन्
*प्रणय प्रभात*
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
Indu Singh
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
गए थे दिल हल्का करने,
गए थे दिल हल्का करने,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...