नजारा
नजरों का यह खेल है प्यारे
नजरियाँ बदलें ताे नजारा अपने आप बदल जाएगा
दूबते हुए कसती काे किनारा फिर मिल जाएगा।
बदलते मौसम से घबराना नहीं।
टेडी रहाे पर दगमगना नहीं
रख हौसला की यह रात कत जाएगा
की काली रात के बाद… नया सवेरा जरूर आएगा
नजरियाँ बदलें ताे नजारा अपने आप बदल जाएगा