नए साल तुम ऐसे आओ
नए साल तुम ऐसे आओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!
हर घर आँगन खुशियां लाओ!
हाली हरखे,बरखा बरसे
फसलें लहलहाती मन सरसे।
धन धान्य से भरे भंडारे
कोई न भूखा अन्न को तरसे।।
खेतों में खुशहाली लाओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!!
सेवाभावी कर्मठ हर नर
ज्ञान रश्मियां पूरित घर घर।
मानव धर्म मानने वाले
भारतवासी अभय निरंतर।।
मातृभूमि की शान बढ़ाओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!!
वन कानन उपवन मनभावन
खुशियों का नित बरसे सावन।
दुःख दारिद्र कहीं नहीं आए
स्नेह भाव मृदु पावन पालन।।
आलस चिंता भय को भगाओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!!
जीएं और जीने दें हम सब
मर्म मनुजता का समझें अब!
मौज सर्वहित सहित कामना
साथ रहें सब काम पड़े जब!
प्रेम भाव हर मन में जगाओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!!
विश्वशांति और भाईचारा
यही सनातन प्यारा नारा।
रोग मुक्त और द्वेष मुक्त हो
वसुधा वासी कुटुंब हमारा।।
मरती मानवता को बचाओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!!
विमला महरिया “मौज”