नए सालमें नए आशाएँ प्रदान कर …
ये जाने वाले साल तू जा रहा हैं,
पर जाते-जाते दे जाना तू खुशियों भरी सौगात,
क्यों की तेरे आलम में कितने परिवार टूटे,
कितनी माता के लाल उस दुनिया से अलविदा हुए,
कितने बच्चें बिन माँ – बाप के हुए,
कितने भाई बहन की,और दोस्तों की जोड़ी टूटी ।।
हमारे देशने क्या… क्या… जख्म खाई ।।
ऐ…साल तुमसे अरज करते हैं… के,
आने वाले सालोंमें तूम गमों को भर दो,
न कोई दर्द हो न कोई विपदा..!
न तूफ़ान हो न कोई रोग..!..!
इस प्यारे देश में…
हर ‘माँ’ का आचंल ममता की छाँव देता रहे,
जैसे ‘भारतमाता’ अपनी गोदमें सब को संभालती,
वैसे हर परिवारमें, हर आंगन में,
खुशहाली की कभी न
सुख ने वाली नदियां बहती रहे ।।
हे…जाने वाले साल…तूजे प्रणाम…नभन,
नए सालमें नए आशाएँ प्रदान कर,
सारे जहां को रोशन कर,
जाते-जाते अनमोल उपहार देने का वादा कर ।।