Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2021 · 2 min read

नए लॉकडाउन का सकारात्मक उपयोग करे- आनंदश्री

नए लॉकडाउन का सकारात्मक उपयोग करे- आनंदश्री

लॉकडाउन की फिर से जरूरत आन पड़ी। हालात को देख कर न चाहते हुए भी सरकार को आंशिक रूप से लॉकडाउन घोषित करना पड़ा।

आंकड़े पर शिकंजा कसना जरुरी है
ब्रेक दी चैन अभियान के अंतर्गत आंकड़ो पर शिकंजा कसा गया। भारत के कई राज्यो में लॉकडाउन लगा कर संक्रमण को रोकने की तैयारी चल रही है।

लॉकडाउन दुधारी तलवार है
डॉक्टरों को भी रोगी की जान बचाने के लिए कठोर निर्णय लेने पड़ते है। न चाहते हुए भी शरीर के हिस्से को अलग करना पड़ता है। ताकि इंसान जिंदा रहे।
सरकार द्वारा भी ऐसा ही निर्णय लिया जा रहा है। लॉकडाउन का निर्णय कठोर हो सकता है लेकिन फिलहाल यही कोरोना को कम करने का तथा खात्मा करने का कदम है।

अब क्या करे?
आंकड़ो का बढ़ना, लॉकडाउन का लगना, परिस्थिती का नाजुक होना। ऐसे हालात में क्या करे। आर्थिक, सामाजिक, राजकीय पारिवारिक, शैक्षणिक रूप से सब कुछ थम सा गया। यूं लग रहा है कि सब बर्बाद हो गया। ऐसे न जाने कितने ही नकारात्मक बातों से हम घिर चुके है।
यही समय है कुछ करने का। कुछ नया जानने का। कुछ नई शुरुवात करने का।

आओ नई शुरुवात करे, कुछ नया सीखे
अपने मन को प्रशिक्षित करते हुए कुछ नया सिखते हैं। कुछ नया हुनर, कुछ नयो किताब, कुछ अध्यात्म तो कुछ नया बनाते है।

ओशो कहते थे एकांतवास किसी के लिये अवसर है तो किसी के लिए बाधा।

इस लॉकडाउन को अवसर बनाए, तकलीफ कितनी भी हो, परिस्थितियो से मुकाबला करते हुए आगे बढ़ने का आपका अपना फार्मूला बनाये।

प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई
8007179747

Language: Hindi
Tag: लेख
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तन्हाई
तन्हाई
ओसमणी साहू 'ओश'
4084.💐 *पूर्णिका* 💐
4084.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#कविता-
#कविता-
*प्रणय*
कलियों सी मुस्कुराती
कलियों सी मुस्कुराती
Anand Kumar
**दुल्हन नई नवेली है**
**दुल्हन नई नवेली है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मां की महत्ता
मां की महत्ता
Mangilal 713
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Who Said It Was Simple?
Who Said It Was Simple?
R. H. SRIDEVI
झूठ बोल नहीं सकते हैं
झूठ बोल नहीं सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Gulab
Gulab
Aisha mohan
"बचपन"
Dr. Kishan tandon kranti
दीपावली उत्सव
दीपावली उत्सव
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Red is red
Red is red
Dr. Vaishali Verma
धरती का बुखार
धरती का बुखार
Anil Kumar Mishra
आखिर क्यों तू
आखिर क्यों तू
gurudeenverma198
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
Mukta Rashmi
शायरी
शायरी
Pushpraj devhare
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
Dr Manju Saini
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
Er.Navaneet R Shandily
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
बदलते लोग भी टीचर से कम नहीं हैं,हर मुलाकात में कुछ नया सिखा
बदलते लोग भी टीचर से कम नहीं हैं,हर मुलाकात में कुछ नया सिखा
पूर्वार्थ
मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
Meera Thakur
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
कवि रमेशराज
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
Rishabh Mishra
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
Loading...