नई सीख को सिखाकर जाने लगा दिसंबर
नई सीख को सिखाकर जाने लगा दिसंबर
थोड़ा सा मुस्कुरा कर जाने लगा दिसंबर
दे करके जनवरी को फिर अलविदा हुआ
थोड़ी सी मुलाकात कर जाने लगा दिसंबर
बीती यादों को समेटे समेटे हुए नई साल की नई उमंग के साथ जय श्री राम
✍️कृष्णकांत गुर्जर