नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
दीवानों का ठिकाना चल रहा है
तेरे पीछे ज़माना चल रहा है
भूलना तो हमें आया ही नहीं
वही रोना रुलाना चल रहा है
ज़रा नाज़ुक है तबिअत हमारी
वैसे मौसम सुहाना चल रहा है
दवाओं से भला किसका हुआ है
तेरे दम पे दीवाना चल रहा है
बदल डाला है अपना फोन मैंने
मगर नंबर पुराना चल रहा है
~विनीत सिंह