Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2017 · 2 min read

नंगा चालीसा [ रमेशराज ]

लुच्चे छिनरे सिरफिरे रहें तुम्हारे साथ,
तुम घूमो हर नीच के डाल हाथ में हाथ |
नमो नमो नंगे महाराजा, लाज सबै पर तुम्हें न लाजा ||1||
झूठ तुम्हारे पांव दवाबै, तुम्हें न सच्ची बात सुहाबै||2||
तुम असुरों में असुर बड़े हो, घड़ों बीच तुम चीक घड़े हो ||3||
तुमने जबसे नाक कटायी, और नाक पर रौनक आयी ||4||
सूपनखा तुम सँग इतरावै, सीता को नकटी बतलावै ||5||
घूमो लिये भीम-सी काया, काया लखि तुम पै मद छाया ||6||
सौ गज की है जीभ तुम्हारी, जिसके आगे दुनिया हारी ||7||
तुम आओ जब पीकर पउआ, तो बन जाते घर में हउआ ||8||
गिरगिट जैसे रूप तुम्हारे, तुमने हर पल बादर फारे ||9||
रखो जेब में फूटी कौड़ी, बात करो पर लम्बी-चौड़ी ||10||
बिच्छू जैसे चलन तुम्हारे, किसके तुमने डंक न मारे ||11||
शकुनी मामा तुमसे हारा, छल में नहीं जवाब तुम्हारा ||12||
अपनी महिमा स्वयम् बखानो, लूट सभी को दानी मानो ||13
जयचंदों के फंदों को तुम, रोज सराहो गंदों को तुम ||14
मगरमच्छ-सा रूप तुम्हारा, लील गया सुख-चैन हमारा ||15
कर्कश काँव-काँव के आगे, कोयल हारे, पल में भागे ||16
बगुला जैसी घात तुम्हारी, कैसे बचे मीन बेचारी ||17
दिखती जितनी सूरत भोली, वाणी में उतनी ही गोली ||18
वाणी जब छोड़े अंगारे, अच्छे-अच्छों को संहारे ||19
जीत कमीनेपन से बाजी, तुम बन जाते पंडित-क़ाज़ी ||20
जिसको भी तुम अपना बोलो, केवल उसकी जेब टटोलो ||21
मेघनाद-सा तुम हुंकारो, सबको अपशब्दों से मारो ||22
पापी की सत्ता के दौने, कर्म तुम्हारे सभी घिनौने ||23
आदर्शों की बात करो तुम, बात-बात में घात करो तुम ||24
रावण-कुल को सदा सराहो, तुम सज्जन से बैर निभाओ ||25
छल की गाओ बारहमासी, चलो हमेशा चाल सियासी ||26
खुद को गौतम बुद्ध बताओ, मछली मारो, मुर्गा खाओ ||27
सम्प्रदाय को धर्म बताओ, घृणा-भरे चिन्तन को लाओ ||28
मगरमच्छ की तरह जिओ तुम, रोज किसी का खून पियो तुम ||29
तुम हो जैसे गुड़ के चैंटे, रन्ग बदलने में करकैंटे ||30
जिसके सर पर हाथ फिराओ, तुरत उसी की भस्म बनाओ ||31
रहे फूल ती सदा दलाली, जेब तुम्हारी रहे न खाली ||32
हे कउए गिद्धों के वंशज, तुमसे पावन भारत की रज ||33
मन लिया अब हमने डरकर, तुम कबिरा के ढाई आखर ||34
ऐ अधमासुर कृपा कीजिए, हमें देख मत और खीजिए ||35
अपना कोप सरल कर लीजे, वाणी सहज तरल कर लीजे ||36
रूप समेटो तुम मायावी, हम पर मत यूँ होओ हावी ||37
बार-बार मत हमें पछाड़ो, और न शेर-समान दहाड़ो ||38
मान लिया तुम ही महान हो, अतः इधर भी दया-दान हो ||39
हे भगवन् हे केशव ईसा, भेंट तुम्हें नंगा-चालीसा ||40
अब न कहेंगे आपको कभी भूलकर नंग,
केली चिरती है चिरे रह काँटे के संग ||
-रमेशराज
———————————————–
रमेशराज,15/109, ईसानगर, अलीगढ़-२०२००१

Language: Hindi
Tag: गीत
707 Views

You may also like these posts

माँ दया तेरी जिस पर होती
माँ दया तेरी जिस पर होती
Basant Bhagawan Roy
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
Ravi Prakash
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
त्याग
त्याग
Rambali Mishra
कुछ कुंडलियां
कुछ कुंडलियां
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
शिक्षा
शिक्षा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
सत्य परख
सत्य परख
Rajesh Kumar Kaurav
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4372.*पूर्णिका*
4372.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*कलयुग*
*कलयुग*
Vaishaligoel
उसके गालों का तिल करता बड़ा कमाल -
उसके गालों का तिल करता बड़ा कमाल -
bharat gehlot
वर और वधू पक्ष का लोभ
वर और वधू पक्ष का लोभ
अलका बलूनी पंत
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
पूर्वार्थ
पन्नाधाय
पन्नाधाय
Dr.sunil tripathi nirala
🙅परम ज्ञान🙅
🙅परम ज्ञान🙅
*प्रणय*
"जलन"
Dr. Kishan tandon kranti
जब भी
जब भी
Dr fauzia Naseem shad
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
कोविड और आपकी नाक -
कोविड और आपकी नाक -
Dr MusafiR BaithA
नहीं डरता हूँ मैं
नहीं डरता हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
Sampada
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
..............
..............
शेखर सिंह
तुम इतने प्यारे हो
तुम इतने प्यारे हो
Jyoti Roshni
भय
भय
Sidhant Sharma
मेरा हर राज़ खोल सकता है
मेरा हर राज़ खोल सकता है
Shweta Soni
....बहू बनाम बेटी...
....बहू बनाम बेटी...
rubichetanshukla 781
Loading...