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12 May 2017 · 1 min read

==** धड़कनों को तेरे संभाला तो होता **==

गम मनाऊ तो कैसे रिश्ता तो होता
चल सके साथ मेरे फरिश्ता तो होता
गया छोड़ दुनिया वो मर्जी थी तेरी
मोहोब्बत का मेरे यूँ सौदा न होता

बात ऐसी नहीं भूल जाऊ मै सब कुछ
याद करने को तू अपना तो होता
क्या राज जाने दफ़्न दिल में रख्खे थे
एक बार मुझसे कह दिया तो होता

गम नहीं मुझे और गम भी है शायद
हाल दिल का तेरे दिखाया तो होता
तू दूर था सही मै अंजान हो बैठा
दूर से सही रिश्ता निभाया तो होता

जब पता चला तू चल दिया अकेले
याद कर के मुझे तूने देखा तो होता
मै दुश्मन नहीं था याद भी ना आई
धड़कनों को तेरे संभाला तो होता

मै दुश्मन नहीं था याद भी ना आई
धड़कनों को तेरे संभाला तो होता
—————–//**–
शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०

Language: Hindi
547 Views
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