” ————————————- ध्यान सदा ये रखना ” !!
हमें निमंत्रण राहें देती , यह ना अपने हाथ !
चाहत है या मजबूरी है , यह ना अपने हाथ !!
पीछे छूटा यादें बन जो , साथ हमारे होगा !
सपने कितने अपने होगें , यह ना अपने हाथ !!
चयन हमें ही करना होगा , राहें लगे लुभावन !
परिणामों को जान सकें हम , यह ना अपने हाथ !!
बाधाएं बाधित कर देती , राहें सुगम न लगती !
खुशियां ही पायेंगें केवल , यह ना अपने हाथ !!
यहां समागम हंसी खुशी का , अनुभूति मीठी सी !
अपने हिस्से क्या आयेगा , यह ना अपने हाथ !!
दूर दूर तक नज़र उठाकर , हम यों देख रहे हैं !
जाने क्या पल में घट जाये , यह ना अपने हाथ !!
पथ पर चलना आगे बढ़ना , यही निरन्तरता है !
उड़नखटोला कब उड़ जाए , यह ना अपने हाथ !!
बृज व्यास