ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
कैसे दुनिया को नई दुनिया दिखाए
एक भंवरा रोज़ अपना सर खपाए
फूल को वापस कली कैसे बनाए
कागज़ों की तितलियों में रंग भर कर
बच्चा सोचे अब इन्हें कैसे उड़ाए
भागा भागा फिर रहा बादल गगन में
आज वह बिजली कहां किस पर गिराए
सुब्हदम है ओस की इक बूंद व्याकुल
कैसे ख़ुद को भाप होने से बचाए