धोखे जीवन में हमको रुलाते बहुत
धोखे जीवन में हमको रुलाते बहुत
पर सबक भी नये ये सिखाते बहुत
आज हम पर बुरा वक़्त क्या आ गया
फूल भी शूल अपने चुभाते बहुत
है न परवाह रिश्तों की जिनको यहाँ
लोग ऐसे ही दिल को दुखाते बहुत
मुफलिसी में ही पहचानते अपनें हम
धन से रिश्ते यहाँ पर बनाते बहुत
राम मुँह में बगल में जो रखते छुरी
जख्म दिल को बड़े वो दे जाते बहुत
बीतती जा रही ज़िन्दगी की सुबह
साँझ के घिर अँधेरे डराते बहुत
‘अर्चना’ काम करते रहें जो गलत
ढोंग पूजा का कर वो दिखाते बहुत
डॉ अर्चना गुप्ता