*धोखा नहीं दिया है (गीत)*
धोखा नहीं दिया है (गीत)
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इतना है सन्तोष किसी को, धोखा नहीं दिया है
(1)
कभी किसी को नहीं मारकर टॅंगड़ी बंधु गिराया
कभी दुखाकर दिल औरों का हमने नहीं चिढ़ाया
जहर हवा में भरा पड़ा जो, हमने रोज पिया है
(2)
मिला हमें जो रूखा-सूखा उसमें खुशी मनाई
तड़क-भड़क वाली महॅंगी पगडंडी हमें न भाई
अन्दर-बाहर सदा एक-सा, जीवन-चक्र जिया है
(3)
रहे नहीं हम वह समुद्र जिसके अथाह जल खारे
एक क्षीण-सी सरिता बनकर बहते रहे किनारे
बड़ा आदमी बनने को कुछ, भी तो नहीं किया है
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर (उ0प्र0) मोबाइल 9997615451