धोखा दिया है खुदी को मैंने
धोखा दिया है खुदी को मैंने,
खुदी से गुज़ारिश क्या मैं करूंगा,
तड़प है आँखों में हंसी के सहारे,
बता दो सनम, कब तक मैं यु हस्ता रहूँगा,
अँधेरा है मेरा रौशनी के सहारे, बता दो,
रौशनी के अँधेरे में कब तक सहूंगा,
धोखा दिया है खुदी को मैंने,
खुदी से गुज़ारिश क्या मैं करूंगा,
ज़िंदगी का नज़ारा फिर मोत का इशरा,
बता दो सनम, किसको मैं पहले किनारा कहूंगा,
चेहरे को तेरे इन आँखों में बसा के,
बता दो ज़रा, कैसे ये आंखे बंद में करूंगा,
धोखा दिया है खुदी को मैंने,
खुदी से गुज़ारिश क्या मैं करूंगा,
मेरी सदा है तेरे शब्दों के सहारे,
बता दो सनम, कैसे शब्दों से निकल में सकूंगा,
चुप सा हु बस बातों में इशारे,
बता दो ज़रा, ये बातों में इशारे में कब तक करूंगा,