धोखा क्यूं करें हम
इश्क़ में किसी के दिल को मुब्तिला क्यूं करें हम
यह ला इलाज दर्द सीने में भला पैदा क्यूं करें हम
हम जानते हैं दिल दे कर सिर्फ अजीयतें ही मिलेंगी
जानबूझकर फिर घाटे का यह सौदा क्यूं करें हम
मेरे हाथ लकीरों में तेरा नाम कहीं लिखा ही नहीं है
अपनी हथेली पे तेरा नाम फिर लिखा क्यूं करें हम
उस बेवफ़ा की कसमों और वादों पे ऐतबार कर के
खुद अपने साथ इस तरह धोखा क्यूं करें हम