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12 Dec 2022 · 1 min read

धूप

बादलों से लड़ के पेड़ों पर चढ़ के
छत पर कूदी अल्हड़ धूप

खिड़की से झांके आँगन में भागे
दिप दिप दमके यौवन रूप

जल पर नर्तन चमके लोचन
इत ऊत ढूँढे वर अनूप

चिलचिलाती किस से बतियाती
टहल रही अकेली हंसी अलूप

मिली अमराइयाँ डाल गल बहियाँ
झूले झूला सखा स्वरूप

साँझ के घर सिसकी भर भर
विदा हो गई परायी धूप

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
282 Views

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