*धुॅंधला मैला बचा-खुचा-सा, पाया चित्र पुराना (गीत)*
धुॅंधला मैला बचा-खुचा-सा, पाया चित्र पुराना (गीत)
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धुॅंधला मैला बचा-खुचा-सा, पाया चित्र पुराना
1)
यादें सब जीवंत हो उठीं, एक चित्र को पाकर
स्मृति को आधार चाहिए, रेखांकन में आकर
दिन अतीत के मधुर मनोहर, लगे गा रहे गाना
2)
जंग लगे बक्से में था वह, दुर्लभ चित्र तुम्हारा
जाने चित्र कहॉं खींचा था, जाने किसके द्वारा
याद आ रहा उसी चित्र से, गुजरा हुआ जमाना
3)
एक चित्र जो शेष रह गया, यादों का अध्येता
तुम कैसे दिखते-चलते थे, वाणी को स्वर देता
चाह रहा हूॅं कई रंग से, तुमको आज सजाना
धुॅंधला मैल बचा-खुचा-सा, पाया चित्र पुराना
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अध्येता= अध्ययन करने वाला
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451