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21 Jan 2021 · 1 min read

धुम्रपान निषेध मुक्तक

नशे को छोड़ दो भाई नशे ने जग हिलाया है।
नशे को आज मानव ने यहाँ भोजन बनाया है।
नशा बीमार करके ही सदा संहार करता है।
नशे में जो फसा उसने यहाँ सब कुछ गँवाया है।

नशे में छूट जाता है यहाँ घरद्वार भी अपना।
नशे में टूटता रिश्ता यहाँ हर बार है अपना।
नशे का हाल तुम पूछो पड़े जो अस्पतालों में
बिकी दौलत सभी उनकी नही उपचार है अपना।

अदम्य

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 235 Views
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