धुंध ही दिखता है
हर जगह मुझे अब
धुंध ही दिखता है
इंसान को ही देखो
दर-दर बिकता है
वो ज़माना था –
जब दूर ही धुंध नज़र आती थी
आज सामने ही धुंध दिखता है
कभी मौसम के मारे
धुंध दिखता है….
साफ़ है मौसम आज मगर
फ़िर भी यहाँ धुंध दिखता है
बदल गया है ये ज़माना बहुत
कभी गैरो में धुंध दिखता था
आज अपनों में ही धुंध दिखता है
हर जगह मुझे अब
धुंध ही दिखता है !!
——————————–