Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2023 · 1 min read

धीरे-धीरे हर चीज ह नदावत हे

धीरे-धीरे हर चीज ह नदावत हे
का होंगे दाई,,गोबर ह बेचावत है।
गाय बछरू अब नोहर होवत हे
बाचे खोंचे मन सड़क म रोवत है।।

गहूं के संग म कीरा ह पिसावत है
का होंगे दाई, सभ्यता है नदावत हे
मास्टर घलो गदहा के ग पढ़ावत है
बारां बच्छर बितगे त छट्ठी मनावत हे

दुध दही अब नोहर भईगे
गोबर ह बेचावत है
भारत के सुघ्घर सभ्यता
विदेश में भगावत है

धीरे-धीरे हर चीज ह नदावत हे
का होंगे दाई,गोबर ह बेचावत है।।

डां विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

Language: Hindi
1 Like · 228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
Be beautiful 😊
Be beautiful 😊
Rituraj shivem verma
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
👍
👍
*प्रणय प्रभात*
"सोचता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
.....★.....
.....★.....
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
parvez khan
मासूमियत
मासूमियत
Punam Pande
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
Mukta Rashmi
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
जब मुझसे मिलने आना तुम
जब मुझसे मिलने आना तुम
Shweta Soni
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
गंगा की जलधार
गंगा की जलधार
surenderpal vaidya
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
'अशांत' शेखर
सहज - असहज
सहज - असहज
Juhi Grover
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
2744. *पूर्णिका*
2744. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
SCHOOL..
SCHOOL..
Shubham Pandey (S P)
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
जिस चीज में दिल ना लगे,
जिस चीज में दिल ना लगे,
Sunil Maheshwari
वारिस हुई
वारिस हुई
Dinesh Kumar Gangwar
कान्हा भक्ति गीत
कान्हा भक्ति गीत
Kanchan Khanna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कविता -नैराश्य और मैं
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
गए थे दिल हल्का करने,
गए थे दिल हल्का करने,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...