Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

धीरे धीरे हम बदल जाते हैं।

धीरे धीरे हम बदल जाते हैं। छोड़ ख्वाहिशें मेहनत पर लग जाते हैं,
जिम्मेदारियां कंधों पर आते ही, घर के लिए घर से निकल जाते हैं।
यारी दोस्ती छूट जाती है, और सबकी नजरों में हम बदल जाते हैं,
शौख सभी जेब में रख देते हैं, बस जरूरत के लिए ही जिए जाते हैं।

चाहते हैं जिंदगी है सबकुछ करें, कुछ सोच कर कदम रुक जाते हैं,
ना मोहब्बत के हुए न दोस्तों के, हमे देखकर अब लोग मुड़ जाते हैं।
इस सफर में तय जैसा कुछ नहीं, वक्त के आगे कई काम रुक जाते हैं,
जिंदगी खुश रहकर जिएं, क्योंकि आखिर में तो सब ही मर जाते हैं।

Language: Hindi
189 Views

You may also like these posts

सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
gurudeenverma198
खामोशियों
खामोशियों
manjula chauhan
"बदल रही है औरत"
Dr. Kishan tandon kranti
हिम्मत एवं साहस
हिम्मत एवं साहस
Raju Gajbhiye
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैसे पचती पेट में, मिली मुफ्त की दाल।.
कैसे पचती पेट में, मिली मुफ्त की दाल।.
RAMESH SHARMA
वार्तालाप
वार्तालाप
Pratibha Pandey
गरीब की दिवाली।
गरीब की दिवाली।
Abhishek Soni
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Neerja Sharma
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
Sonam Puneet Dubey
बात का जबाब बात है
बात का जबाब बात है
शेखर सिंह
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
ruby kumari
मुसाफिर
मुसाफिर
Rambali Mishra
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल
मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल
Sanjay ' शून्य'
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
Dr B.R.Gupta
हे! मां शारदे आपका क्या कहना।
हे! मां शारदे आपका क्या कहना।
Rj Anand Prajapati
तेरे दर पे आये है दूर से हम
तेरे दर पे आये है दूर से हम
shabina. Naaz
समय की बहती धारा में
समय की बहती धारा में
Chitra Bisht
भरोसा
भरोसा
ललकार भारद्वाज
कदम भले थक जाएं,
कदम भले थक जाएं,
Sunil Maheshwari
तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें
अजहर अली (An Explorer of Life)
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
Koमल कुmari
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
#भक्तिपर्व-
#भक्तिपर्व-
*प्रणय*
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...