धर्म निरपेक्ष रफी
धर्म निरपेक्षता का नाटक करने वालों!
क्या अमर गायक रफी जैसा दिल है तुम्हारे पास ?
जो पूजता था खुदा और ईश्वर को एक समान ,
ऐसी ऊंची सोच और समझ है तुम्हारे पास ?
पैगम्बर मोहम्मद साहब की याद में जो गाये नात कव्वाली जितनी शिद्दत के साथ,
उतनी ही शिद्दत से गाए भगवत भजन ईश्वर से एकाकार होकर ,
ऐसी उज्जवल ,निष्कपट ,निष्कलंक ,महान अंतरात्मा है तुम्हारे पास ?
नहीं है न ! तो यह ढोंग करना बंद करो ।
क्योंकि तुम चाहे जितनी कोशिश कर लो ,
तुम रफी तो क्या बनोगे,
तुम हो नहीं सकते उस महान आत्मा के आस पास ।
अनु