धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कंश के मरैया श्याम,आन मुझ को तार दो
राधिका के सैयां श्याम,मात के कन्हैया श्याम
दोपद्री के भैया श्याम आन मुझ को तार दो
रास के रचैया श्याम बंशी के बजैया श्याम
गाय के चरैया श्याम आन मुझ को तार दो
दाऊ जी के भैया श्याम ,वस्त्र के चुरैया श्याम
गोबर के उठैया श्याम आन मुझ को तार दो
श्रृष्टि के रचैया श्याम ,श्रृष्टि के बसैया श्याम
पाप के तरैया श्याम आन मुझ को तार दो
✍️कृष्णकांत गुर्जर धनौरा