Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2020 · 1 min read

धर्म की कुटिल व्याख्या

संवाद के द्वार
कब खोलोगे.?
जब सब कुछ
धर्म से तौलोगे ।

वर्तमान को
विज्ञानं से कब जोड़ोगे.?
जब हर विचार पर
आस्था के रोड़े छोड़ोगे ।

क्या ,क्यूँ , कैसे
से धर्म समाज को
कब तौलोगे.?
जब हर बात पर
ईस्वर अल्लाह बोलोगे।

संवाद जरूरी है
तकरार जरूरी है
हर विचार पर प्रश्न
प्रश्न का उत्तर जरूरी है।

अपने को कितना
सिमित कर छोड़ोगे.?
जब हर बात पर
नियति नियति बोलोगे।

डर के साए में
जीवन को कितना भोगोगे.?
जब कौने में बैठ
भाग्य को कुंठित सोचोगे ।

कर्म की महत्ता
कब समझोगे.?
जब जीत हार पर
भाग्य विधाता सोचोगे।

प्रकाश बन
अंधकार कब दूर भागाओगे.?
जब हर जगह मंदिर,मस्जिद,चर्च
पर मानवता शर्मसार करोगे।

विज्ञानं के दर्पण से
इंसानी सूरत कब देखोगे.?
जब ऊंच-नीच ,धर्म-जाति
को सास्वत विभेद मानोगे ।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 612 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all

You may also like these posts

मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
पूर्वार्थ
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
" सावन "
Dr. Kishan tandon kranti
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
*
*"पापा की लाडली"*
Shashi kala vyas
"ऐसा है अपना रिश्ता "
Yogendra Chaturwedi
व्याकुल परिंदा
व्याकुल परिंदा
AMRESH KUMAR VERMA
हम फर्श पर गुमान करते,
हम फर्श पर गुमान करते,
Neeraj Agarwal
प्रेम
प्रेम
Acharya Rama Nand Mandal
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
कृष्णकांत गुर्जर
"" *तस्वीर* ""
सुनीलानंद महंत
SHBET
SHBET
Shbet
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
कह गया
कह गया
sushil sarna
“दो बूँद बारिश की”
“दो बूँद बारिश की”
DrLakshman Jha Parimal
3850.💐 *पूर्णिका* 💐
3850.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
VINOD CHAUHAN
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
Kumar lalit
#बस एक शब्द
#बस एक शब्द
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
करतीं पूजा नारियाँ, पावन छठ त्योहार
करतीं पूजा नारियाँ, पावन छठ त्योहार
Dr Archana Gupta
पल को ना भूलो
पल को ना भूलो
Shashank Mishra
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
Ravikesh Jha
अनुभव एक ताबीज है
अनुभव एक ताबीज है
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
दीपक
दीपक
SURYA PRAKASH SHARMA
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
ओसमणी साहू 'ओश'
किरदार निभाना है
किरदार निभाना है
Surinder blackpen
हमको मिलते जवाब
हमको मिलते जवाब
Dr fauzia Naseem shad
???
???
*प्रणय*
Loading...