धरा
इस धरा का इस धरा पे सब धरा रह जाएगा।
जो धरा है वो धरा पर बस धरा रह जाएगा।।
नाम तेरा जो धरा था सब धरा रह जाएगा।
धरले चित में नाम प्रभु का काम वो ही आएगा।।
इस धरा का इस धरा पे सब धरा रह जाएगा।
मन में तेरे चल रहा जो काम कुछ ना आएगा।।
व्यर्थ के ये लोभ लालच सब धरा रह जाएगा।
हंसले इस पल रोना कब हो कुछ न पता चल पाएगा।।
इस धरा का इस धरा पे सब धरा रह जाएगा।
इस धरा पे नर्क भी है इस धरा पे स्वर्ग भी।।
जो धरेगा चित मे अपने वो तुझे मिल जाएगा।
काल आता पास तेरे जाने कब ले जाएगा।।
इस धरा का इस धरा पे सब धरा रह जाएगा।
नेकी करले नेक बंदे कुछ नहीं कर पाएगा।।
कष्ट देने वो लगा तो कष्ट ना सह पाएगा।
कर भलाई इस धरा पे नाम ही रह जाएगा।।
इस धरा का इस धरा पे सब धरा रह जाएगा…
===================================
“ललकार भारद्वाज”