Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 2 min read

धरा हरी बनाने को पेड़ लगाओ

धरती रा रंग हरा हो ज्यासी,
थे वृक्षारोपण अब शुरू करो।
डांगर ढ़ौर निहाल हो ज्यासी,
थे वृक्ष लगाना सब शुरू करो।।

वृक्ष काटणिया थक ज्यासी,
वनस्पति बचाणी शुरू करो।
ए वन माफिया सुधर ज्यासी,
थे वन रा संरक्षण शुरू करो।।

पहले क्रिया खुद तब ओरां नै,
आखो ब्रह्मांड सुधर ज्यासी।
वृक्ष लगाओ अर करो पालण,
हरियाली धरां उतर ज्यासी।।

दूजां के करै के नी मत देखो,
खुद करै मारग मिल ज्यासी।
पेड़ लगाओ जिंहके फल हो,
फल मिट्ठा थानै मिल ज्यासी।।

खुद पेड़ काटणा बंद करो,
वृक्ष तो खुद पनप ज्यासी।
बेटी अर वृक्ष बचा पालोला,
तो कष्ट सृष्टि रा कट ज्यासी।।

वनस्पति री कदर करोला तो,
माँ अमृता बिश्नोई आ ज्यासी।
अणदो-ऊदो, किसनो, दामी,
चेलो-चीमां 363आ ज्यासी।।

वृक्षदेव रा महत्व समझ्यां ही,
रूंखा संरक्षक संवर ज्यासी।
पर्यावरण प्रेमी जाग ज्यासी,
भगदड़ दुष्टां में मच ज्यासी।।

पण पालो अर भिड़ जावो थे,
वनमाफिया खुद डर ज्यासी।
आलस में सुता मत रेवो अब,
धरा री छाती हरि हो ज्यासी।।

रूंख राखणहार होय रेवोला,
आक्सीजन कमी हट ज्यासी।
जे मेहनत से वृक्ष लगाओ ला,
कष्ट प्रदूषण रो कट ज्यासी।।

जीव दया नित ही पालणी है,
कोई रूंख लीलो नी घाव सी।
हकीकत रूंख री समझ्यां ही,
शहीदां रा माण बण ज्यासी।।

पर्यावरण भक्ति री मूरत वीर,
नारे खेजड़ली रा लग ज्यासी।
मत वन्य सम्पदा बर्बाद करो,
देश नुकसांण से बच ज्यासी।।

जे थे नेम धरम पर चालोला,
धरा माँ रो रंग बदल ज्यासी।
23अगस्त विश्ववृक्ष दिवस है,
जीवणा स्वस्थ बण ज्यासी।।

जे वृक्षदेव रा आदर करोला,
बीमार रा भाव बदल ज्यासी।
बेटी बचाव अर रूंख बचाओ,
धरा अर बेटी ही बदल ज्यासी।।

23अगस्त विश्ववृक्ष दिवस है,
खेजड़ली नांव चमक ज्यासी।
‘पृथ्वीसिंह’ वीरगति बड़ो काम,
वन्य संपदा रक्षक आ ज्यासी।।

Language: Hindi
1 Like · 98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
View all
You may also like:
अक्सर हम ऐसा सच चाहते है
अक्सर हम ऐसा सच चाहते है
शेखर सिंह
अच्छे दामों बिक रहे,
अच्छे दामों बिक रहे,
sushil sarna
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया।
क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया।
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
याद  करने  पर याद  करता  है ,
याद करने पर याद करता है ,
Dr fauzia Naseem shad
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक  अबोध बालक 😂😂😂
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक 😂😂😂
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सज सवंर कर श्रीमती जी ने
सज सवंर कर श्रीमती जी ने
Chitra Bisht
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
Neelofar Khan
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
Surinder blackpen
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
Shweta Soni
2811. *पूर्णिका*
2811. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅सब एक बराबर🙅
🙅सब एक बराबर🙅
*प्रणय*
Why always me!
Why always me!
Bidyadhar Mantry
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे
जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे
©️ दामिनी नारायण सिंह
*बुरी बात को बुरा कह सकें, इतना साहस भर दो (गीत)*
*बुरी बात को बुरा कह सकें, इतना साहस भर दो (गीत)*
Ravi Prakash
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
*दिनचर्या*
*दिनचर्या*
Santosh Soni
#मानवता का गिरता स्तर
#मानवता का गिरता स्तर
Radheshyam Khatik
मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
कवि रमेशराज
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
Chunnu Lal Gupta
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
TAMANNA BILASPURI
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...