धरा हरी बनाने को पेड़ लगाओ
धरती रा रंग हरा हो ज्यासी,
थे वृक्षारोपण अब शुरू करो।
डांगर ढ़ौर निहाल हो ज्यासी,
थे वृक्ष लगाना सब शुरू करो।।
वृक्ष काटणिया थक ज्यासी,
वनस्पति बचाणी शुरू करो।
ए वन माफिया सुधर ज्यासी,
थे वन रा संरक्षण शुरू करो।।
पहले क्रिया खुद तब ओरां नै,
आखो ब्रह्मांड सुधर ज्यासी।
वृक्ष लगाओ अर करो पालण,
हरियाली धरां उतर ज्यासी।।
दूजां के करै के नी मत देखो,
खुद करै मारग मिल ज्यासी।
पेड़ लगाओ जिंहके फल हो,
फल मिट्ठा थानै मिल ज्यासी।।
खुद पेड़ काटणा बंद करो,
वृक्ष तो खुद पनप ज्यासी।
बेटी अर वृक्ष बचा पालोला,
तो कष्ट सृष्टि रा कट ज्यासी।।
वनस्पति री कदर करोला तो,
माँ अमृता बिश्नोई आ ज्यासी।
अणदो-ऊदो, किसनो, दामी,
चेलो-चीमां 363आ ज्यासी।।
वृक्षदेव रा महत्व समझ्यां ही,
रूंखा संरक्षक संवर ज्यासी।
पर्यावरण प्रेमी जाग ज्यासी,
भगदड़ दुष्टां में मच ज्यासी।।
पण पालो अर भिड़ जावो थे,
वनमाफिया खुद डर ज्यासी।
आलस में सुता मत रेवो अब,
धरा री छाती हरि हो ज्यासी।।
रूंख राखणहार होय रेवोला,
आक्सीजन कमी हट ज्यासी।
जे मेहनत से वृक्ष लगाओ ला,
कष्ट प्रदूषण रो कट ज्यासी।।
जीव दया नित ही पालणी है,
कोई रूंख लीलो नी घाव सी।
हकीकत रूंख री समझ्यां ही,
शहीदां रा माण बण ज्यासी।।
पर्यावरण भक्ति री मूरत वीर,
नारे खेजड़ली रा लग ज्यासी।
मत वन्य सम्पदा बर्बाद करो,
देश नुकसांण से बच ज्यासी।।
जे थे नेम धरम पर चालोला,
धरा माँ रो रंग बदल ज्यासी।
23अगस्त विश्ववृक्ष दिवस है,
जीवणा स्वस्थ बण ज्यासी।।
जे वृक्षदेव रा आदर करोला,
बीमार रा भाव बदल ज्यासी।
बेटी बचाव अर रूंख बचाओ,
धरा अर बेटी ही बदल ज्यासी।।
23अगस्त विश्ववृक्ष दिवस है,
खेजड़ली नांव चमक ज्यासी।
‘पृथ्वीसिंह’ वीरगति बड़ो काम,
वन्य संपदा रक्षक आ ज्यासी।।