धरा पर ऐसा कौन धरा
धरा पर ऐसा कौन धरा ।
कौन द्रुम सदा हरा ।
प्रभुता पाकर यहाँ ।
अभिमान किसमे न भरा ।
कौन -सा मलयज यहाँ ।
जो रगड़ से न जरा ।
कौन है अटल यहां जो मौत से नही मरा ।
कौन ऐसा वार यहाँ ।
जो कभी नही ढला ।
किसका है मन यहाँ ।
जो कभी है न मचला ।
ऐसा कौन है यहां ।
जो ईर्ष्या से नही जला ।
कौन ऐसा तत्व यहाँ ।
जो है अग्नि से खरा ।
धरा पर ऐसा कौन धरा ।
कौन है अटल(अमर) यहां जो मौत से नही मरा ।
कौन है ऐसा यहाँ ।
जो पाप से न डरा ।
रवि के सामने यहाँ ।
कौन है अंधकार टिका ।
कौन है ऐसा यहाँ ।
जाहि न चला लालच छूरा ।
अधिकार पाने के लिए ।
कौन है नही लङा ।
वो मुकुट -मुकुट ही क्या ।
जिसमे हीरा न जङा ।
शिष्टाचार के बिना यहाँ ।
मुल्क कौन आगे बढा ।
सब भोग विलासी है ।
आलस्य किसपे न चढा ।
कौन ऐसा नर यहाँ ।
मोह -माया से जो परा ।
ऐसा जग मे कौन है ।
यौवन ज्वर जिस पर न चढा ।
धरा पर ऐसा कौन धरा ।
कौन है अटल यहाँ ।
जो मौत से नही मरा ।
है कौन ऐसा यहाँ ।
जो सुख मे प्रभु ध्यान करा ।
आनंद कर जोङ करत प्रभु वंदना ।
नाम शक्ति से है कौन बङा ।
जो कर दे सबका पार बेङा ।।
धरा पर ऐसा कौन धरा ।
कौन है अटल यहाँ जो मौत से नही मरा ।।
??Rj Anand Prajapati ??