धरती से बगावत
मौसमों का मिजाज कुछ बदल रहा है ।
यूं लगे है जैसे धरती से बगावत कर रहा है ।
ये जुर्रत है इसकी इंसा के गुनाहों का नतीजा,
ये जाहिल अपनी कब्र खुद ही खोद रहा है।
मौसमों का मिजाज कुछ बदल रहा है ।
यूं लगे है जैसे धरती से बगावत कर रहा है ।
ये जुर्रत है इसकी इंसा के गुनाहों का नतीजा,
ये जाहिल अपनी कब्र खुद ही खोद रहा है।