धरती पर आना होगा
“भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।
अपमानित होती है स्त्रियां आज भी भरे बाज़ार में,
लुटती है लाज उनकी आज भी कौरवों के राज में,
कृष्ण रूप में आकर उनकी लाज बचाना होगा।
भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।
कदम कदम पर रावणों ने जीना किया दुश्वार है,
अपहरण करते नारी का, हो रहा दुराचार है,
रामरूप में आकर संसार को रावण से मुक्त कराना होगा।
भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।
इंसान के खून से चन्ड मुड़ खेल रहें हैं होली,
जगह जगह पर घूम रही है रक्तबीज की टोली,
दुर्गा रूप में आकर राक्षसों का आतंक मिटाना होगा।
भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।”
By:Dr Swati Gupta