Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

धरती की गोद में

धरती की गोद में,
समाया सारा संसार।
जीवनदात्री तू है सबकी,
उठाया जग का भार।।

तेरी गोद में खेले,
कल-कल करती नदियाँ।
वक्ष पर तेरे बनी,
जाने कितनी पगडंडियाँ।।

ऊँचा खड़ा हिमालय,
तेरी ममता की छांव में।
सरल-स्नेह-सुधा बरसती,
जननी तेरे गांव में।।

रत्न-गर्भ में संचित कर,
रत्नगर्भा कहलाई।
अनुपम छवि प्रकृति ने,
तेरे कण-कण से पाई।।

ओ धरती माँ!सबकी,
तू है जीवन-आधार।
तेरी रज-कण में बसता,
स्वास्थ्य, समृद्धि अपार।।

तेरी गोद में करते,
खग-कुल कलरव।
तेरे बिन जन-जीव का,
होगा जीवन नीरव।।

-शालिनी मिश्रा तिवारी
( बहराइच,उ०प्र० )

Language: Hindi
1 Like · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shalini Mishra Tiwari
View all
You may also like:
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दया के पावन भाव से
दया के पावन भाव से
Dr fauzia Naseem shad
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
सत्य कुमार प्रेमी
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
ज्ञानों का महा संगम
ज्ञानों का महा संगम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऐसे यूं ना देख
ऐसे यूं ना देख
Shashank Mishra
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
डूबें अक्सर जो करें,
डूबें अक्सर जो करें,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
.
.
*प्रणय प्रभात*
दूब घास गणपति
दूब घास गणपति
Neelam Sharma
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"किनारे से"
Dr. Kishan tandon kranti
जानता हूं
जानता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ढीठ बनने मे ही गुजारा संभव है।
ढीठ बनने मे ही गुजारा संभव है।
पूर्वार्थ
लड्डू बद्री के ब्याह का
लड्डू बद्री के ब्याह का
Kanchan Khanna
चौपई /जयकारी छंद
चौपई /जयकारी छंद
Subhash Singhai
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
gurudeenverma198
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
Befikr Lafz
पते की बात - दीपक नीलपदम्
पते की बात - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
* खुशियां मनाएं *
* खुशियां मनाएं *
surenderpal vaidya
वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
Phool gufran
रेल दुर्घटना
रेल दुर्घटना
Shekhar Chandra Mitra
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
Neeraj Agarwal
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...