Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

धरती और मानव

भूमि, धरती, भू, वसुंधरा,
हैं ये कितने प्यारे नाम |
रंग बिरंगी, फल फूलों से भरी,
धरती हमारी हरी-भरी |
धरती ने किए हम पर,
कितने सारे उपकार,
हमने बदले में क्या दिया ?
छीना उसका संसार |
पर अब मानवजाति जागी,
ग्लानि है उसे अपने पर |
हमने अब ये वादा किया,
धरती को रखेंगे हरा-भरा |
अब ना वृक्षों को काटेंगे,
नदियों को स्वच्छ रखेंगे |
लौटा देंगे तेरा रंग रूप,
चाहे हो कितनी बारिश और धूप |

Language: Hindi
76 Views

You may also like these posts

#नज़्म / ■ दिल का रिश्ता
#नज़्म / ■ दिल का रिश्ता
*प्रणय*
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Ram Krishan Rastogi
मद्य पान।
मद्य पान।
Kumar Kalhans
तुम पास आए
तुम पास आए
Surinder blackpen
সেয়াহৈছে সফলতা
সেয়াহৈছে সফলতা
Otteri Selvakumar
तुम्हारा
तुम्हारा
Deepesh Dwivedi
- अनुभवी लोग -
- अनुभवी लोग -
bharat gehlot
कृषक
कृषक
D.N. Jha
आखिरी सहारा
आखिरी सहारा
सुशील भारती
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
Ravikesh Jha
हमसफ़र 2
हमसफ़र 2
डिजेन्द्र कुर्रे
#वो अजनबी#
#वो अजनबी#
Madhavi Srivastava
जिस दिन से बिटिया रानी - डी के निवातिया
जिस दिन से बिटिया रानी - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
बुढ़ापा है जीवन की शान
बुढ़ापा है जीवन की शान
Bharti Das
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
बड़े गुरुओं का एक ही कहना
बड़े गुरुओं का एक ही कहना
Buddha Prakash
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
Phool gufran
बचपन
बचपन
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अवधपुरी है कंचन काया
अवधपुरी है कंचन काया
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मिल रही है
मिल रही है
विजय कुमार नामदेव
एक बिस्तर पर दो अजनबी,
एक बिस्तर पर दो अजनबी,
लक्ष्मी सिंह
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
Sanjay ' शून्य'
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
चांद का टुकड़ा
चांद का टुकड़ा
Santosh kumar Miri
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
"एक नाविक सा"
Dr. Kishan tandon kranti
मर जाओगे आज
मर जाओगे आज
RAMESH SHARMA
दीवाल पर लगी हुई घड़ी की टिकटिक की आवाज़ बनके तुम मेरी दिल क
दीवाल पर लगी हुई घड़ी की टिकटिक की आवाज़ बनके तुम मेरी दिल क
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...