धरती, आसमान, चांद, सितारे, सूर्य की भी बीत रही उमर।
धरती, आसमान, चांद, सितारे, सूर्य की भी बीत रही उमर।
बिगड़ते जब इसके संतुलन बरपाती आपदा और कहर।
RJ Anand Prajapati
धरती, आसमान, चांद, सितारे, सूर्य की भी बीत रही उमर।
बिगड़ते जब इसके संतुलन बरपाती आपदा और कहर।
RJ Anand Prajapati