धन दौलत सोना चांदी
धन दौलत सोना चांदी
महल अटारी सब कुछ था
बिन बेटा का अवध नरेश
आंगन उनका सुना था
सर पकड़ कर राजा सोचा
बिना वंश जग सुन्ना है
आंगन किलकारी वहां होता
जिनके गोदी मां मुन्ना है
सोच समझकर राजा निकला
पहूंच गये सद्गुरु के पास
उनके मन में तमन्ना भारी था
रहा पूर्ण हृदय में विश्वास
चरण पकड़ राजा बोला
सद्गुरु कृपा करो अपार
ब्रम्ह सम मोही पुत्र मिलें
जो लें मेरा सिर का भार
विचलित दशा राजा में देखा
सद्गुरु ने दिया वरदान
पुत्रेष्टि यज्ञ करवाओ राजन
आ जायेंगे आंगन पर राम
जय जय श्री राम,जय जय श्रीराम
ौ