@@@ धन्यवाद् के रूप में @@@
धन्यवाद् के रूप में
क्या बात है, वाह वाह क्या बात है
कितना अच्छा लिखते हो मेरे भाई
वाह वाह क्या बात है
तुम्हारे शब्दों ने मुझे कायल कर दिया
में तो भला चंगा था अब घायल कर दिया
आदत मेरी बिगाड़ से रोजाना लिखने के
मेरे दोस्तों ने मुझे कायल कर दिया
तुम्हारे प्यार का सबब अब बना मेरा सहारा
जीवन में रोजाना लिखने का बना सहारा
कलम की निब तीखी हो जाती है लिखते लिखते
बस रहता उस को आपकी स्याही का ही सहारा
हर लम्हा तुमको याद करके कुछ ढूढ़ लेता है
वो आकर मेरे सरहाने पर झकझोर देता है
कल्पना में आपकी खोने के बाद वो मोह लेता है
यह स्नेह ही तो है, जो “अजीत”मजबूर कर देता है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ