धनवान -: माँ और मिट्टी
माँ और इस मिट्टी का कर्ज
हम पर सदा उधार रहेगा ।
माँ और मिट्टी सदा महान रहेंगी
ये संसार जब तक रहेगा ।।
ये मिट्टी अपने सीने पर अन्न उगाकर
हमें माँ के जैसे पालती है ।
अपने सीने पर पीड़ा सहकर
हमारे तन की भूख मिटाकर ,
हमें माँ के जैसे संभालती है ।।
बारिश,आँधी और तुफ़ान सब को वो सहती है
इसलिए ये दुनिया धरती को माँ कहतीं हैं ।
अपने सीने पर लहराती फसलें ,
देखकर धरती माँ खुश हो जाती हैं ।।
ये धरती माँ हमारी हर जरूरत को ,
माँ बनकर पूरी करती है ।
हम सब के जीवन पर धरती माँ
यूं ही प्यार बरसता रहेगा ।।
माँ और इस मिट्टी का कर्ज
हम पर सदा उधार रहेगा ।
माँ और मिट्टी सदा महान रहेंगी
ये संसार जब तक रहेगा ।।
इस दुनिया में माँ के जैसा महान कोई और नहीं ।
इस दुनिया में माँ के प्यार जैसी मजबूत कोई डोर नहीं ।।
माँ , तेरे हवाले मेरे जीवन का हर पल ।
अपने दिल में जो भी इन्सान ,
माँ के प्यार की ज्योत जगाले तु ।।
उसके जीवन की नौका पार हो जाएगी ।
उसके घर में खुशियों की बहार रहेगी ।।
गैरों के आगे झुकने से अच्छा है की ।
तु माँ के चरणों में झुक जाएं ।।
इसके चरणों में झुकने से ।
जीवन के सब दुख -दर्द पल में लुक जाएं ।।
तुम अपनी आँखें चाहे लाख बंद कर लो ।
तुम्हारे लिए माँ के दिल का द्वार सदा खुला रहेगा ।।
माँ और इस मिट्टी का कर्ज ।
हम पर सदा उधार रहेगा ।।
माँ और मिट्टी सदा महान रहेंगी ।
ये संसार जब तक रहेगा ।।
हमारे जीवन पर माँ और मिट्टी , दोनों का उपकार बहुत है ।
हम सबको माँ और मिट्टी , दोनों के आँचल में प्यार बहुत मिलता है ।।
दोनों हैं ” धनवान ” बहुत ।
व दोनो हैं महान बहुत है ।।
माँ और मिट्टी का हम सबके जीवन पर सदा ऋण रहेगा ।जीवन में ना हो कोई ऐसा दिन इनके बिन जो रहेगा ।।
इनका प्यारा मुख देखकर दिल खुश हो जाता है ।
इनका आँचल में सुख देखकर मन मनमोहक हो जाता है ।।
माँ और मिट्टी का रिश्ता अमर रहेगा ।
हम पर माँ और इस मिट्टी का कर्ज सदा उधार रहेगा ।।
माँ और मिट्टी सदा महान रहेंगी ।
ये संसार जब तक रहेगा ।।