धधको।
धधको।
भभको।
झुलसो।
जल-जल के चाहे गुम हो जाओ।
अचानक। एक ही पल में।
पलक झपकते।
पर उससे पहले,
पूरी जान लगा दो अपनी
धधकने, भभकने, झुलसने और जलने में।
प्राण फूंक दो अपने
जान डाल दो अपनी
वो बस एक काम करने में
जिसके लिए दुनिया तुम्हें याद रखे।
पीतल के दीये में रखे नन्हें से कपूर के टुकड़े की तरह
रम जाओ, समा जाओ, महक जाओ
और आग सा तपा दो सब कुछ अपने चारों ओर,
तुम्हारे जाने के बाद, यादों की गर्माहट की तरह।