द्रोपदी को फिर बचाने कौन आएगा।
गज़ल
2122…..2122…..2122…..2
दुष्ट दानव को हराने कौन आएगा।
द्रोपदी को फिर बचाने कौन आएगा।
है नहीं कोई शिकंजा कौरवों पर अब,
बोल दुश्शासन हराने कौन आएगा।
दीन दुखियों की नहीं कोई सुनेगा अब,
निर्बलों का हक दिलाने कौन आयेगा।
मंजिलों के रास्तों पर जब अँधेरे हों,
चाँद बन रस्ता दिखाने कौन आयेगा।
भूखे बच्चे की अगर अम्मा नहीं होगी,
प्यार से उसको खिलाने कौन आयेगा।
गर नहीं कोई सुखनवर है जमाने में,
गीत गज़लें गुनगुनाने कौन आयेगा।
गोपियाँ गोपाल ग्वाले आ गये प्रेमी,
कृष्ण सी बंशी बजाने कौन आयेगा।
……,✍️प्रेमी