” द्रिग्भ्रमित भेने आलोचना हैत “
( फेसबुक ग्रुप )
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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एहि सम्पूर्ण परिवेश मे सबहक कार्य क्षेत्र स्वतः निर्धारित कयल गेल अछि आ बहुत गोटे एहनो छथि जे अप्पन -अप्पन कार्यक रुपरेखा स्वयं निर्धारित केने छथि ! माता -पिता ,शिक्षक- शिक्षिका ,छात्र- छात्रा , श्रमिक ,कर्मचारी ,पधाधिकारी ,लेखक, लेखिका ,चिकित्सक ,अभिव्यक्ता, कलाकार ,खिलाडी ,संवाददाता ,संचालक आ अनेको लोकनि अप्पन -अप्पन विभिन्य भूमिका क लेल विख्यात छथि आ स ह्रदय सं जुडल !
कार्यक संपादन मे यदि अकर्मण्यता परिलक्षित हैत त सम्मान क गप्प त रहल कात तिरष्कारक मर्म भेदी बाण क प्रहार सहैत रहू ! जखन इ माप दंड समस्त वर्ग पर लागु होइत अछि तखन कोनो ग्रुप क नेतृत्व किया छुटल रहता ? फेसबुक क उद्भव क उपरांत एडमिन आ मोडरेटर कतो-कतो प्रजातांत्रिक मर्यादा भूलि जाइत छथि !
साहित्यक श्रृजन ..कविता रचना …लेख लेखनी आ विचार क अभिव्यक्ति सकारात्मक श्रृंगार सं सजाऔल प्रायः -प्रायः पाठक वृन्द कें मन मोहि लेत अछि ! आपार जनसमूह करतल ध्वनि सं हिनका स्वागत करैत छथि ! …श्रेष्ठ लोकनि हुनक ढाढस बंधबैत छथि …समतुल्य लोकनि अप्पन सकारात्मक टिप्पणी सं एकटा नविन मार्ग प्रसस्थ करैत छथि….नवतुरिया लोकनि कें मध्य एकटाअद्भुत स्फूर्ति क सञ्चालन होइत अछि ! नविन प्रेरणा आ उत्साह क संचार होइत अछि !….
परंच राजनीति विचारधारा सदेव विवादित बुझना गेल अछि ! सब गोटे कोनो न कोनो विचारधारा सं जुडल छथि ! अप्पन व्यथा ..अप्पन अनुभव ,,,अप्पन प्रतिक्रिया लिखि एकटा आनंदक अनुभव करैत छथि !…मुदा तकर विवेचना क लेल अनेको रंगमंच बनल अछि !
साहित्यक चर्चा कें लेल सजाओल रंगमंच पर नटुआ नृत्यक प्रदर्शन अशोभनीय मानल जाइत !..ताहि लेल हम सब सजग रहि ! पारदर्शिता ,नियम ,प्रजातान्त्रिक परिवेश ,सामंजस्यपूर्ण निर्भरता ,सबहक विचारक मान्यता….. कोनो समूह ,…कोनो संगठन ..अथवा ग्रुपक लेल स्तंभ मानल जाइत अछि !
मुदा ग्रुप क उदेश्य प्रायः प्रायः मलिन भS जाइत अछि आ एडमिन आ मोद्रटर क कर्तव्य बुझु गौण भS गेल छनि ! जहिना भारतीय टीवी न्यूज़ चैनल अप्पन टी ० आर ० पी० क लेल कठिन परिश्रम करैत अछि तहिना फेसबुक क ग्रुप एहि प्रतियोगिता मे लागि जाइत छथि !
कियो -कियो श्रेष्ठ लोकनि कतार मे लागल छथि अप्पन -अप्पन रचना नेने ! प्रतीक्षा क रहल छथि हमर सन्देश ग्रुप क समक्ष राखल जाऊ परंच राखल अछि अप्रूवल वला कोठी मे ! ताधरि नटुआ नृत्य देखैत रहू ! जखन एडमिन आ मोद्रटर कोनो ग्रुप क नेतृत्व करैत छथि त हुनका नेपोलिअन क नेतृत्व हेबाक चाहि ! संगठन आ समूह मे जे छथि सबकें संग ल कें चलबाक चाहि नहि त तानाशाही भंगिमा बुझल जाइत !
हमरा सबकें ह्रदय सं जुडबाक लेल प्रयास करबाक चाहि अन्यथा हम अप्पन उदेश्य सS डगमगा जायब !
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
दुमका
झारखंड
भारत