द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
मन मैला यदि हो जाए तो, मनुज सरलता खो देता है
सुनो त्याग दो उन दोषों को,जो हरपल क्रंदन करता है
उर निश्छल जब हो जाए तो,जीवन वृंदावन लगता है।
योगिनी काजोल।