दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
दौलत दौलत ना करें,तज मानवता धर्म।
जाते दौलत संग ना, जाते हैं बस कर्म।
जातें हैं बस कर्म, छणिक दौलत की माया।
जिसके जैसे कर्म, जियत जग में सुख पाया।।
कह ‘प्यासा’कविराय,चलो हर डग को तौलत।
जीवन कर्म प्रधान,जपो ना दौलत -दौलत।।
-‘प्यासा’