#दो_टूक
#दो_टूक
■ परजीवी समझे हो का??
【प्रणय प्रभात】
मान्यवर प्रधान जी!
डीज़ल-पैट्रोल के भाव ख़ूब बढ़ाओ।
यहां कौन सी
गाड़ियां दौड़ रही हैं
जो हम गला फाड़ें।
झंडा आपका, ज़मीन आपकी,
जहां चाहें वहां गाड़ें।
हम कार वाले नहीं बेकार हैं,
ग्यारह नम्बर की गाड़ी के सवार हैं।
जैसा करोगे वैसा भरोगे
इतनी सी बात जानते हैं।
अच्छे दिनों की बाट नहीं जोहते,
हर दिन को अच्छा दिन मानते हैं।।
आप जैसों पर निर्भर नहीं होते हैं,
रात में चैन की नींद सोते हैं।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)