वो मेरे हर सब्र का इम्तेहान लेती है,
रिश्ते चाहे जो भी हो।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जीता हूं मैं अब तो बस तुम्ही को देखकर।
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
विषय-कृषक मजदूर होते जा रहे हैं।
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हमेशा के लिए कुछ भी नहीं है
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******