दो शेर
मूर्ति खुद ही बनी थी
पत्थर में
मैंने तो सिर्फ उसे तराशा है।
बृन्दावन” कृष्णा”
जब याद सताये
करवट बदलकर रो लेना
कुछ पल के लिए ही सही
अहसास दिलाएंगे मेरे होने का।
बृन्दावन”कृष्णा”
मूर्ति खुद ही बनी थी
पत्थर में
मैंने तो सिर्फ उसे तराशा है।
बृन्दावन” कृष्णा”
जब याद सताये
करवट बदलकर रो लेना
कुछ पल के लिए ही सही
अहसास दिलाएंगे मेरे होने का।
बृन्दावन”कृष्णा”