दो शब्द सही
दो शब्द सही प्रशंसा के,
ह्रदय से किया करिये।
अल्प इस जीवन में,
निःस्वार्थ मिला करिये ॥
व्यर्थ, निरर्थक बातों से
मन मैला न किया करिये।
विश्वास योग्य बातों पर
विश्वास किया करिये ।।
अच्छा है मिलना सबसे
स्वयं से भी मिला करिये ।
बन जाओगे पाप के भागी
परनिंदा न किया करिये ॥
हाँ हाँ में किसी की कभी
हाँ-हाँ न किया करिये ।
जिसमें न हो मन राज़ी
इंकार किया करिये ॥
डाॅ फौज़िया नसीम शाद