दो बोल प्यार के बोल
** दो बोल प्यार के बोल **
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दो बोल प्यार के बोल बंदे,
बोलने से पहले तू तोल बंदे|
उड़ जाएगा बन कर परिंदा,
जीवन के तू भेद खोल बंदे|
कड़वा रस तो गले न उतरे,
प्रेम रस जुबां में घोल बंदे|
खुशियों भरी बन्द पिटारी,
खरीद सके न तू मोल बंदे|
नभ-तल-जल में न मिलते,
मां-बाप हीरै अनमोल बंदे|
कब तक छुपाए मनसीरत,
खुल जाएगी तेरी पोल बंदे|
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)